1. जापान के लिए तकनीकी इंटर्न प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी)
टीआईटीपी पहली बार जापान में, 1993 में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों के युवा और मध्यम आयु वर्ग के युवाओं को व्यावसायिक कौशल स्थानांतरित करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना था। भारत में टीआईटीपी आधिकारिक तौर पर अक्टूबर 2017 से कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और जापान के न्याय मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय (जापान का मंत्रालय) के बीच हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन के अनुसार शुरू किया गया था। इस परियोजना के तहत, एनएसडीसी को एमएसडीई द्वारा भारत में टीआईटीपी निष्पादन की निगरानी और देखरेख करने के लिए "निगरानी एजेंसी" के रूप में नामित किया गया है।
टीआईटीपी का अब तक का सफ़र:
- भारत सरकार और जापान सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर - अक्टूबर 2017
- एमएसडीई ने एनएसडीसी को नवम्बर 2017 में टीआईटीपी के लिए कार्यान्वयन और निगरानी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया।
- एनएसडीसी ने जिटको और जापान दूतावास को पहली टीआईटीपी जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया।
- ओसाका, जापान पहुंचे 12 इंटर्न को निहोन प्रौद्योगिकी संघ के साथ सीआईआई द्वारा प्रशिक्षित किया गया –जूलाई 2018
- कुल 5 इंटर्न (सीआईआई द्वारा भेजे गए 3 और लोहिया कॉर्प द्वारा भेजे गए 2) जापान पहुंचे। टीआईटीपी संगोष्ठी नागोया, जापान में आयोजित की गई। जिसमें सभी प्रेषक संगठनों और 30 से अधिक एसवीओ ने भाग लिया – सितम्बर 2018
- कार्यात्मक स्वास्थ्य देखभाल (एफआरसी) प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए एफआरसी की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए भारत का दौरा किया – दिसंबर 2018
- नई दिल्ली में ओटीआईटी द्वारा टीआईटीपी पर संगोष्ठी - जनवरी 2019
- निहोन प्रौद्योगिकी के साथ संघ में सीआईआई द्वारा प्रशिक्षित 12 प्रशिक्षु जापान पहुंचे - फरवरी 2019
- स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की श्रेणी में प्रशिक्षित 9 प्रशिक्षुओं को मार्च, अप्रैल और मई 2019 में नवीस निहंगो द्वारा जापान भेजा गया
- निहोन प्रौद्योगिकी के साथ संघ में सीआईआई द्वारा प्रशिक्षित 6 प्रशिक्षु जापान पहुंचे - फरवरी 2019
अन्य मुख्य विशेषताएं:
- अब तक सूचीबद्ध प्रेषक संगठनों की कुल संख्या: 24
- जापान में इंटर्न के रूप में नियोजित प्रशिक्षार्थियो की कुल संख्या: 44
टीआईटीपी चित्र :

एमएसडीई और जापान सरकार ने, टीआईटीपी के तहत भारतीय युवाओं की भागीदारी की अनुमति देने के लिए अक्टूबर 2017 में जापान में एक सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए।

जीआरए, इंक (कार्यान्वयनकर्ता संगठन) जहां लोहिया कॉर्प लिमिटेड द्वारा प्रशिक्षित उम्मीदवारों का जापान में प्रशिक्षण चल रहा है, के सीईओ के साथ मुलाक़ात करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे। दोनों प्रधानमंत्री भारतीय इंटर्न्स द्वारा उगाई गई स्ट्रॉबेरी को प्रदर्शित करते हुए।

निहोन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा अप्रैल 2018 में प्रशिक्षित 15 उम्मीदवारों का पहला बैच।

पर्यवेक्षण संगठन और नेविस निहोंगो द्वारा जापान में भारत के इंटर्न का स्वागत किया गया।
2. भारत अंतर्राष्ट्रीय कौशल केंद्र
देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक, दुनिया के अन्य हिस्सों में अपने समकक्षों के साथ मिलकर कुशल लोग तैयार करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत अंतर्राष्ट्रीय कौशल केंद्र (आईआईएससी) कार्यक्रम की कल्पना की गई थी। कुशल भारत मिशन के तहत कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से आईआईएससी की स्थापना कर रहा है ताकि विदेशों में काम करने के इच्छुक भारतीयों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जा सके। प्रायोगिक चरण में, कुछ आईआईएससी प्रारम्भ किए गए थे और प्रायोगिक चरण संचालित करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सीख मिली थी। 2 जुलाई 2018 को प्रायोगिक चरण सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
आईआईएससी प्रायोगिक चरण के लक्ष्य:
- 14 केंद्रों का परिचालन
- 583 अभ्यर्थी प्रशिक्षित
- 459* उम्मीदवारों का आकलन किया गया
- 286 उम्मीदवार प्रमाणित
- 62% उतीर्ण प्रतिशत
- 63 उम्मीदवार विदेश में नियोजित
प्रायोगिक चरण से सीखते हुए और एमएसडीई के नीति मार्गदर्शन के आधार पर, एक संशोधित टिकाऊ, बाजार संचालित परिचालन मॉडल विकसित किया गया है। इस नए आईआईएससी नेटवर्क मॉडल पर सभी प्रमुख हितधारकों की प्रतिक्रया ली जा रही है, जिसे एनएसडीसी जल्द ही प्रारम्भ करेगा।
भारत अंतर्राष्ट्रीय कौशल केंद्र के प्रमुख कार्य:
- परामर्श और मार्गदर्शन तथा विदेशी रोजगार सहायता
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल परीक्षण और प्रमाणन
- वृद्धिशील कौशल प्रशिक्षण और पीडीओटीli>
- प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए जी2जी समझौतों को लागू करना
- भाषा प्रशिक्षण (देश की भागीदारी या नियोक्ता की मांग के माध्यम से)
- अंतर्राष्ट्रीय कौशलीकरण/प्रमाणन में भविष्य के अवसरli>
प्रस्थान पूर्व अभिमुखीकरण प्रशिक्षण::
विदेश मंत्रालय तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने प्रवासी कौशल विकास योजना (पीकेवीवाई) को लागू करने के लिए 2 जुलाई 2016 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जो विदेश में नौकरी पाने की इच्छा वाले भारतीयों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तैयार की गई योजना है।
हर वर्ष विदेशों में प्रवास करने वाले भारतीय कामगारों को प्रस्थान पूर्व अभिमुखीकरण प्रशिक्षण (पीडीओटी) प्रदान करने के लिए पीकेवीवाई एक रूपरेखा को संस्थागत बनाता है।
प्रस्थान पूर्व अभिमुखीकरण प्रशिक्षण (पीडीओटी) विदेशों में काम करने के इच्छुक संभावित भारतीय प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य देश की भाषा, संस्कृति, उत्प्रवास प्रक्रिया, कल्याणकारी उपायों से परिचित कराने और करने योग्य तथा न करने योग्य कार्यों के बारे में, भारत छोड़ने से पूर्व दिया जाने वाला प्रशिक्षण है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सहयोग से विदेश मंत्रालय प्रवासी श्रमिकों के लिए 1-दिवसीय पीडीओटी आयोजित करता है।
मुख्य विशेषताएं:
- 13 जून 2019 तक 46,980 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया।
- 52 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
- 6 केंद्रों का संचालन।
- 4 शहर (दिल्ली, मुंबई, कोच्चि, लखनऊ)

पीडीओटी प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में भाग लेते प्रशिक्षक

सचिव, एमडीडीई और सचिव, एमईए पीडीओटी मैनुअल जारी करते हुए
सिंगापुर के साथ जुड़ाव
क. टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल और सिंगापुर पॉलिटेक्निक के साथ 31 मई 2018 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एनएसडीसी, टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल (टीएफआई) की अनुदान सहायता से सिंगापुर पॉलिटेक्निक (एसपी) के साथ मिलकर देशभर में अल्पावधि कौशलीकरण से संबंधित प्रशिक्षकों और आकलनकर्ताओं के प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाने और प्रशिक्षक तथा आकलनकर्ता अकादमियों के निष्पादन की निगरानी के लिए गुणवत्ता आश्वासन ढांचे का विकास कर रहा है।
सिंगापुर पॉलिटेक्निक और टेमासेक फाउंडेशन इंटरनेशनल के साथ क्षमता निर्माण कार्यशाला

घटक 1: सिंगापुर का अध्ययन दौरा

घटक 4: नई दिल्ली में कार्यशाला

कार्यशाला, सिंगापुर
ख. मई 2018 में बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में भारत के कार्यबल को पर्याप्त रूप से कुशल बनाने के लिए एनएसडीसी और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिस्टम इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्टम साइंसेज (एनयूएस-आईएसएस) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ग. सिंगापुर की कंपनियों को भारत के कौशल विकास ईकोसिस्टम में निवेशकों और भागीदारों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करने के लिए एनएसडीसी और एंटरप्राइज़ सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
घ. कौशल उन्नयन के लिए सीओई की स्थापना के लिए फरवरी 2019 में एनएसडीसी, टेरा ओरिएंट स्किल्स एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड और सिंगापुर पॉलिटेक्निक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण पहले ही शुरू हो चुका है, जिन्हें सीओई में तैनात किया जाएगा।
ङ. सिंगापुर के शिक्षा मंत्री श्री ओंग ये कुंग के नेतृत्व में सिंगापुर का एक प्रतिनिधिमंडल 6 से 7 जून 2019 तक नई दिल्ली आया। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा 6 जून 2019 को बातचीत के लिए एक मंत्री स्तरीय बैठक आयोजित की गई। सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल की इस यात्रा का उद्देश्य भारत में कौशल ईकोसिस्टम को समझना और यह देखना था कि सिंगापुर कैसे भारतीय कौशल हितधारकों को साझेदार बनाने के अवसर पा सकता है। इस अवसर पर एमएसडीई, एमईए, एनएसडीसी के प्रमुख अधिकारी और एसएससी अध्यक्ष उपस्थित थे।

माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री, भारत सरकार और माननीय शिक्षा मंत्री, सिंगापुर सरकार के बीच बैठक

आईएचसी, नई दिल्ली में सिंगापुर के शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक
3. यूएई के साथ सहयोग
भारतीय कार्यबल को अंतर्राष्ट्रीय अवसर प्रदान करने के लिए, एनएसडीसी सक्रिय रूप से संयुक्त अरब अमीरात में संबंधित हितधारकों के साथ काम कर रहा है।
क. भारत से कुशल प्रमाणित श्रमिकों को काम पर रखने के लिए यूएई सरकार द्वारा प्रोत्साहन के लिए अर्हताओं की बेंचमार्किंग, मूल्यांकन और प्रमाणन के लिए राष्ट्रीय अर्हता प्राधिकरण, यूएई सरकार और एमएसडीई के बीच समझौता ज्ञापन। 15 भारतीय अर्हताओं के लिए 13 यूएई कौशल योग्यता बेंचमार्किंग का पहला चरण पूरा हो गया है।

ख. भारत से कुशल प्रमाणित श्रमिकों को काम पर रखने के लिए नियोक्ताओं के साथ संबंध स्थापित करने पर ध्यान देने के साथ कुशल पहल दिखाने के लिए एनएसडीसी ने 30-31 अक्टूबर को दुबई में यूएई भागीदारी शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अंत में, संयुक्त अरब अमीरात में मूल्यांकन और प्रमाणन देने के लिए तकनीकी सहयोग के लिए मॉडल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

ग. एनएसडीसी, एमिरेट्स ड्राइविंग इंस्टीट्यूट (ईडीआई) और यूथ चैंबर ऑफ कॉमर्स (वाईसीसी) के बीच भारत से कुशल चालक प्रवासन को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय चालक प्रशिक्षण संस्थानों (डीटीआई) को भारत में स्थापित करने के लिए अप्रैल 2019 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
4. अन्य साझेदारी
विभिन्न देशों में कौशल गतिविधियों को समझने, विभिन्न देशों में कौशल की जरूरतों को समझने, भारतीय युवाओं को लाभान्वित करने और विदेशों में लाभप्रद नौकरी के अवसरों की पहचान करने के लिए पीआईओसीसीआई सदस्य के माध्यम से आगे की साझेदारी स्थापित करके अंतर्राष्ट्रीय कौशल प्रयासों को मजबूत करने के लिए भारतीय मूल के लोगों का वाणिज्य और उद्योग मंडल (पीआईओसीसीआई) के साथ समझौता ज्ञापन।
यूनेस्को-यूनेवोक के साथ सहयोग

एनएसडीसी- यूनेवोक केंद्र का शुभारंभ
यूनेवोक नेटवर्क में नए सदस्य के रूप में एनएसडीसी को जून 2018 में स्वीकृति मिलने के बाद, एनएसडीसी-यूनेवोक केंद्र को आधिकारिक तौर पर 7 मार्च 2019 को प्रारम्भ किया गया। यूनेस्को-यूनेवोक के प्रमुख श्री श्यामल मजूमदार ने कौशल विकास मंत्रालय और उद्यमशीलता मंत्रालय की अपर सचिव, सुश्री जुथिका पाटणकर, अंतरराष्ट्रीय टीवीईटी पेशेवरों और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में, एनएसडीसी को आधिकारिक तौर पर यूएनडीवीओसी केंद्र के रूप में मान्यता देते हुए, डॉ. मनीष कुमार, एमडी और सीईओ, एनएसडीसी को यूनेवोक पट्टिका देकर सम्मानित किया।
अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला
एनएसडीसी और यूनेस्को- यूनेवोक द्वारा संयुक्त रूप से 4 से 8 मार्च 2019 तक नई दिल्ली में ग्रीनिंग ऑफ जॉब रोल्स एंड क्यूरिकुला पर 5-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला से व्यावसायिक मानकों में स्थिरता और हरित अवधारणाओं को एकीकृत करने और व्यावसायिक मानकों से पाठ्यक्रम की योजना और डिजाइन के लिए प्रभावी मानकों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए एक समझ को बढ़ावा देने की नीति और प्रशिक्षण आवश्यकताओं का समाधान करने की मांग की गई।

ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला के प्रतिभागी

Greening TVET Workshopग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला

एनएसडीसी-यूनेवोक केंद्र प्रारंभ करने के अवसर पर प्रमुख, यूनेस्को-यूनेवोक और निदेशक, आईएलओ, भारत के साथ ग्रीनिंग टीवीईटी कार्यशाला के प्रतिभागी
फिनलैंड
क. व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण क्षेत्र के भीतर ज्ञान आदान-प्रदान करने, नवाचारों और दोनों पक्षों से सम्बद्धता बनाए रखने वालों की पदोन्नति और सुविधा के माध्यम से टीवीईटी को सुदृढ़ बनाने के लिए एनएसडीसी और ईडीयूएफआई (राष्ट्रीय विकास एजेंसी) के बीच 23 जनवरी, 2019 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ख. क्षमता निर्माण कार्यशालाओं, उद्यमशीलता मॉड्यूल के विकास, श्रम गतिशीलता के लिए संयुक्त प्रमाणन पाठ्यक्रम, आदि के लिए एनएसडीसी और ओमानिया (शिक्षा, प्रशिक्षण और विकास सहयोग में उत्कृष्ट विशेषज्ञता के साथ चार फिनिश संगठनों के अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक शाखा) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

श्री मनीष कुमार, एमडी और सीईओ, एनएसडीसी के नेतृत्व में फिनलैंड और एस्टोनिया में भारत के राजदूत के साथ भारत का एक प्रतिनिधिमंडल
अन्य ज्ञान-विनिमय/क्षमता निर्माण कार्यशालाएँ
नीचे उल्लेख की गई पहलों के अलावा, एनएसडीसी ने भारतीय कौशल अनुभव से सीखने के इच्छुक मोरक्को, अफगानिस्तान, पीएएसईटी देश, जमैका, श्रीलंका, चीन, रवांडा, नाइजीरिया, केन्या आदि जैसे कई देशों की मेजबानी की।

स्वीडन
डॉ. के.पी. कृष्णन, सचिव, के नेतृत्व में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर 2018 में स्टॉकहोम की अपनी यात्रा के दौरान जी2जी और बी2बी पर चर्चा की।

मालदीव
एनएसडीसी के अधिकारी, मालदीव में भारत के राजदूत महामहिम श्री अखिलेश मिश्र के साथ। मालदीव की टीवीईटी प्रणाली को मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे विनिमय अध्ययन यात्राओं, क्षमता निर्माण, विकासशील पाठ्यक्रम, संयुक्त पाठ्यक्रम/प्रमाणपत्र आदि, जिसमें भारत सहायता सेवाएं प्रदान कर सकता है, पर चर्चा की गई।

जॉर्डन और लेबनान
डॉ. के.पी. कृष्णन, सचिव के नेतृत्व में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) तथा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के प्रतिनिधिमंडल ने 19-26 मार्च 2019 तक ज्ञान साझेदारी का पता लगाने के लिए मध्य पूर्व के दो देशों -जॉर्डन और लेबनान का दौरा किया।
(जॉर्डन के प्रधान मंत्री, माननीय श्री उमर अल-रज़ाज़ के साथ बैठक)