उड़ान स्कीम, जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष उद्योग पहल (एसआईआई) राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा कार्यान्वित और गृह मंत्री द्वारा वित्त-पोषित की जाती है। रंगाराजन समिति की सिफारिशों के आधार पर यह स्कीम शिक्षित युवाओं - स्नातक, स्नातकोत्तर तथा इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा धारक को जम्मू-कश्मीर में नियोजनीय बनाने की ओर केंद्र सरकार द्वारा की गई मुख्य पहल रही है। रंगाराजन समिति अगस्त 2010 में गठित की गई थी तथा समिति द्वारा इसकी रिपोर्ट फरवरी 2011 में प्रस्तुत की गई थी, जिसके पश्चात वित्त-वर्ष 2011-12 में उड़ान स्कीम को तुरंत आरंभ किया गया। उड़ान स्कीम का उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में युवाओं की क्षमता का निर्माण करना है तथा तत्पश्चात उन्हें भारत के बेहतर कॉर्पोरेटों के समक्ष प्रस्तुत करना है। इस पहल का उद्देश्य भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र को जम्मू और कश्मीर में समृद्ध प्रतिभा पूल तक पहुंच प्रदान करना भी है।
गृह मंत्रालय इस स्कीम के लिए वित्त-पोषण तथा निगरानी प्राधिकरण है। गृह मंत्रालय (एमएचए) के अंतर्गत एक राज्य विशिष्ट स्कीम के रूप में, उड़ान पर्याप्त रूप से वित्त-पोषित पहल है। गृह मंत्रालय द्वारा स्कीम के लिए कुल आवंटित धनराशि 750 करोड़ रूपए है। यह स्कीम अब समाप्त होने वाली है।
स्कीम का उद्देश्य:
- जम्मू और कश्मीर के स्नातकों और स्नातकोत्तरों को सर्वोत्तम कार्पोरेट इंडिया के लिए प्रदर्शन का अवसर प्रदान करना है।
- राज्य में उपलब्ध समृद्ध प्रतिभा समूह के लिए कार्पोरेट इंडिया को प्रदर्शन का अवसर प्रदान करना है।
स्कीम की उपलब्धियां
44,369 उम्मीदवार प्रशिक्षण में शामिल हुए हैं। इनमें से 38,798 उम्मीदवारों ने प्रशिक्षण पूरा किया तथा 24,184 उम्मीदवारों को विभिन्न सेक्टरों में रोजगार ऑफर किया गया है। 115 कार्पोरेटों ने कार्यक्रम में भाग लिया है।
प्रमुख कॉर्पोरेटों ने सभी अलग-अलग सेक्टरों जैसे टीसीएस, अपोलो मेड स्किल्स केपीएमजी, यस बैंक, फ्रंटलाइन बिजनेस सॉल्यूशन्स, टाटा मोटर्स, फ्यूचर लर्निंग्स, ग्रेजियानों, आईएलएंडएफएस, आईआईएसडी, स्पैक्ट्रम, एमबीडी, रूमन, विजन इंडिया आदि में 204 उड़ान मेगा चयन अभियानों में भाग लिया है। उड़ान मेगा अभियान एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है, जहां बहुत से कार्पोरेट संयुक्त रूप से जम्मू और कश्मीर के युवाओं को जुटाने के लिए राज्य भर के विभिन्न जिलों में उड़ान प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं।